शिक्षा का नया स्वरूप तथा डिजिटलाइजेशन

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शिक्षा का नया स्वरूप

हमेशा जब भी कोई भी मनुष्य जो अपने जीवन में सफल होता है उसमे उसकी शिक्षा (Education) का महत्वपूर्ण योगदान होता है | शिक्षा मनुष्य के व्यक्तित्व के निर्माण में सहायता करती है। शिक्षा से व्यक्ति में आत्मविश्वास पैदा होता है और उसके अन्दर सकारात्मक विचारों का जन्म होता है।

आज के ज़माने में शिक्षा का बड़ा महत्व हो गया है। शिक्षा के बिना व्यक्ति अपने जीवन में उचित फैसले नहीं ले पाता । हमें अपने परिवार के सभी सदस्यों को उचित शिक्षा देनी चाहिए जिससे वह अपने जीवन में आने वाली मुश्किलों को बड़ी आसानी से हल कर सके और अपने जीवन को बेहतर बना सके। शिक्षा भी ऐसी हो जो समय पर सही निर्णय लेने में  मदद  करे ।

तेजी से उभर रहे एवं विकासशील देशों में अधिकांश लोग शिक्षा के प्रसार में इंटरनेट को अच्छा मान रहे हैं। ३२  देशों में किए गए एक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। सर्वेक्षण एजेंसी ‘प्यू ग्लोबल एटिट्यूड्स’ द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश आबादी इंटरनेट को व्यक्तिगत संबंध और अर्थव्यवस्था तथा शिक्षा के प्रसार पर अच्छा प्रभाव डालने वाला मानती है ।

सर्वेक्षण के अनुसार, “विकासशील एवं तेजी से विकास कर रहे देशों में इंटरनेट का इस्तेमाल सर्वाधिक लोग अपना सामाजिक दायरा बढ़ाने के लिए करने लगे हैं।” सर्वेक्षण में पाया गया कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों में समाज पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को लेकर सकारात्मक छवि है। यहां तक कि उच्च शिक्षा प्राप्त लोग भी इसे समाज के लिए  बहुत ही लाभकारी मानते हैं ।

शिक्षा एक  मानवीय अधिकार है । चौदह वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान संवैधानिक प्रावधान में से एक है। पिछले एक दशक में भारत ने साक्षरता की दर में उल्लेखनीय प्रगति की और हाल ही में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के कार्यान्वयन इसमें महत्वपूर्ण सुधार भी  हुआ है।

इस देश को डिजिटल रुप से हर प्रकार से सशक्त देश बनाने के लिये भारतीय सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान चलाया जा रहा है। इस मुहिम का लक्ष्य कागजी कार्यवाही को घटाने के द्वारा भारतीय नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक सरकार की सेवा उपलब्ध कराने की है। ये बहुत ही प्रभावशाली और कार्यकुशल है जो बड़े स्तर पर समय और मानव श्रम की बचत करेगा। किसी भी जरुरी सूचना तक पहुँच के लिये तेज गति इंटरनेट नेटवर्क के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से जुड़ने के लिये 1 जुलाई 2015 को इस पहल की शुरुआत की गयी थी। पूरे देश भर में डिजिटल संरचना का निर्माण, डिजिटल साक्षरता, डिजिटल तरीके से सेवा प्रदान करना जैसे डिजिटल इंडिया के तीन महत्वपूर्णं तत्व हैं। 2019 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य है। ये एक कार्यक्रम है जो सेवा प्रदाता और उपभोक्ता दोनों को फायदा पहुँचायेगा। इस कार्यक्रम की निगरानी और नियंत्रण करने के लिये डिजिटल इंडिया सलाहकार समूह (संचार एवं आईटी मंत्रालय के द्वारा संचालन) की व्यवस्था है।   डिजिटल इंडिया की १०० %  सफलता  तभी संभव है जब पूरा देश शिक्षित हो देश का हर तबका शिक्षित है ।