शिक्षा को ऐसा धन कहा जाता है जिसे कोई भी चुरा नहीं सकता क्योंकि ज्ञान होने पर व्यक्ति न सिर्फ़ धन का अर्जन कर सकता है बल्कि समाज में अपनी प्रतिष्ठा भी बना सकता है। देश की समृद्धि में अपना योगदान दे सकता है। इसलिए गरीब हो या अमीर हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा खूब पढ़े और उनका नाम रोशन करे। लेकिन कई युवा ऐसे भी हैं, जो शिक्षा प्राप्त तो करना चाहते हैं लेकिन आर्थिक अक्षमता के चलते अपने सपनों को कई बार साकार कर पाने में अक्षम हो जाते हैं। कुछ कर गुजरने की चाह रखने वाले ऐसे ही होनहार युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में उन्हें अपना पूर्ण सहयोग दे रही है। इसके लिए शासन द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बहुत से लोगो को इनकी जानकारी नहीं है।
वर्तमान समय में विविध प्रोफेशनल कोर्स संचालित हो रहे हैं। ऐसे में इन कोर्स में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों को कोर्स के हिसाब से भी छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। उनका कोटा भी निर्धारित है। शोध, एमफिल, संस्कृत छात्रवृत्तियां, फ़िल्म एवं दूरदर्शन संस्थान पुणे, राष्ट्रीय अनुसंधान कला, नई दिल्ली, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली में पढ़ रहे माध्यमिक शिक्षा मण्डल म।प्र। तथा मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को ही आवेदन प्रस्तुत करने की पात्रता होगी। एकीकृत छात्रवृत्तिार्प्त सकरने हेतु अभिभावकों की वार्षिक आय रुपये 54 हजार से अधिक न हो। वेतनभोगी अधिकारी / कर्मचारी / अभिभावकों को आहरण संवितरण अधिकारी का आय प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। अन्य आय वर्गीय व्यक्तियों को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट / नोटरी द्वारा सत्यापित आय घोषणा पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। इच्छुक विद्यार्थी अपने शैक्षणिक संस्थाओं से आवेदन पत्र प्राप्त कर, संस्था प्रमुख के माध्यम से कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा सतपुड़ा भवन, भोपाल को भेज सकते हैं।
मध्य प्रदेश में गरीब किसानों के बच्चों के लिए सहायता
गांव का गरीब भूमिहीन किसान भी अब बिना किसी समस्या के अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दिला सकता है। प्रदेश के भूमिहीन कृषि श्रमिकों के बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा के अध्ययन के लिये छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। यह छात्रवृत्ति मध्यप्रदेश के मूल निवासी तथा भूमिहीन कृषक मजदूर के पुत्र / पुत्री को प्रदान की जाती है। इस छात्रवृत्ति के लिए पालकों की आय सीमा 25, 000 रुपये (रुपये पच्चीस हजार मात्र) वार्षिक से अधिक न हो। भूमिहीन कृषक मजदूर के पुत्र / पुत्री का प्रमाण पत्र तहसीलदार का मान्य किया जाएगा। इस छात्रवृत्ति हेतु पात्र छात्र / छात्राओं का चयन एक समिति द्वारा समय-सीमा में योग्यता के आधार पर अर्थात् मेरिट के आधार पर उस वर्ष की अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों में से किया जाता है। चयनित छात्रों को 2500 रुपये वार्षिक पाठ्यक्रम समाप्ति तक अंतिम वर्ष तक देय होगी।
उच्च शिक्षा ऋण हेतु ऑनलाइन आवेदन ऐसे करें
इस सुविधा के माध्यम से विद्यार्थी आसानी से एवं कम समय में ऋण प्राप्त कर सकते हैं। आवेदक ऑनलाइन ऋण हेतु आवेदन संचालनालय, संस्थागत वित्त की वेबसाइट www.dif.mp.gov.in के माध्यम से कर सकते हैं। विद्यार्थियों द्वारा कुल 4 प्रकार की ऋण योजनाओं के तहत आवेदन किया जा सकता है। जिसमें उच्च शिक्षा ऋण योजना, उच्च शिक्षा ऋण पर भारत सरकार की ब्याज अनुदान योजना, उच्च शिक्षा ऋण पर म।प्र। सरकार की ब्याज अनुदान योजना एवं म।प्र। शासन की उच्च शिक्षा ऋण गारंटी योजना का लाभ लिया जा सकता है। ऋण हेतु विद्यार्थी को आवेदन के साथ शैक्षणिक योग्यता की अंकसूची, परिचय पत्र, प्रवेशित शैक्षणिक संस्था में प्रवेश प्राप्त करने का प्रमाण, शैक्षणिक अवधि के दौरान सम्पूर्ण व्यय का विवरण, अभिभावक का आय-प्रमाण एवं पासपोर्ट आकार के फोटोग्राफ प्रस्तुत करना होगा। विद्यार्थी का शैक्षणिक रिकॉर्ड कमजोर होने अथवा परिवार के किसी सदस्य द्वारा वित्तीय संस्था का डिफाल्टर घोषित होने की स्थिति में आवेदन अमान्य किया जा सकता है। प्रदेश में कार्यरत सभी बैंकों द्वारा विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है। छात्र-छात्राओं द्वारा किसी भी बैंक की किसी भी शाखा में आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। ऋण स्वीकार करने हेतु अधिकतम 15 दिवस की कार्यसीमा निर्धारित है। जिला स्तर पर योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला पंचायत, सीईओ को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
गांव की बेटी योजना
मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभावान बेटियों की शिक्षा का स्तर बढ़ाने एवं उच्च शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करने के लिए गांव की बेटी योजना के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना में गांव के साथ-साथ नगर पंचायत को भी शामिल किया गया है। इसमें प्रथम श्रेणी में गांव में सबसे ज़्यादा अंक प्राप्त करने वाली बेटी पात्र होगी। योजना के तहत प्रतिमाह 500 रुपये की दर से शैक्षणिक सत्र के लिए 5000 रुपये (पाँच हजार) सालाना की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है। इस छात्रवृत्ति के सम्बंध में महाविद्यालय के प्राचार्य से सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
उपरोक्त सभी योजनाएं मध्य प्रदेश शासन द्वारा केवल मध्य प्रदेश के मूल निवासियों का लिए है । यदि आप इन नियमो के अंतर्गत आतें हैं तो शासन की योजनाओं का लाभ ले सकतें है ।